short story in hindi for class 8th | एक लोटा दूध
बहुत समय की बात है एक गांव में बारिश ना होने के कारण गांव में सूखा पड़ गया सब तरफ हाहाकार मच गया पानी की कमी के कारण अब लोग मरने लगे थे गांव में एक ही अचार्य थे जो पढ़े लिखे थे लोगों ने उनसे इस समस्या का उपचार करने के लिए प्रार्थना की फिर अचार्य ने गांव में सुख टाल जाए और बारिश हो इसके लिए बहुत सारे प्रयास किए लेकिन कुछ ना हुआ और गांव में सूखे की समस्या उसी तरह बनी रही गांव के लोगों के सामने सभी रास्ते बंद हो चुके थे और वह बहुत दुखी हो चुके थे और हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना करने लगे कि अब तुम ही हमें मरने से बचा सकता है तभी वहां पर भगवान द्वारा भेजा गया दुता प्रगट हुआ और उसने कहा कि आज रात गांव का जो व्यक्ति उस कुएं में बिना देखे हुए एक लोटा दूध का डाल देगा तो कल सुबह उनकी समस्या दूर हो जाएगी और बारिश हो जाएगी और यह कहकर वहां से गायब हो गया गांव के लोग यह समाधान जानकर बहुत खुश हुए और सभी गांव वालों ने एक लोटा दूध का उस कुएं में बिना देखे डालने का निश्चय किया और सभी लोग दूध डालने के लिए तैयार हो गए और सभी लोग रात में कुए के पास आकर उसमें दूध आने लगे तभी गांव के एक कंजूस व्यक्ति ने सोचा के सभी लोग तो उस कुएं में दूर डालेंगे मगर अगर मैं एक लोटा पानी का कुएं में डाल दूं तो किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और यह सोच कर उस व्यक्ति ने दूध की जगह एक लोटा पानी का डाल दिया अगली सुबह तक लोगों ने बारिश का इंतजार किया और अभी भी गांव में सूखा पड़ा हुआ था और बारिश का नामोनिशान नहीं था सब कुछ पहले की तरह था और लोग सोचने लगे कि बारिश क्यों नहीं हुई इस बात का पता लगाने के लिए लोग बाहर उस कुएं के पास गए उन्होंने कुएं में जाकर देखा तो सभी के सभी हैरान रह गए पूरा कुआं केवल पानी का भरा हुआ था उसमें एक बूंद भी दूध का नहीं था सभी ने एक दूसरे की तरफ देखा और सब समझ गए कि सूखे की समस्या अभी तक समाप्त क्यों नहीं हुई
दोस्तों ऐसा इसलिए हुआ की जो बात उस कंजूस व्यक्ति के दिमाग में आई थी कि सभी लोग तो दूर कर लोटा डालेंगे अगर मैं एक लोटा पानी का डाल दूं तो किसी को क्या पता चलेगा और वही बात सभी गांव वालों के दिमाग में आई और सभी लोगों ने दूध की जगह पानी का लोटा डाल दिया दोस्तों जो बात इस कहानी में हुई वह आजकल हमारे जीवन में सामान्य बात है कि हमारे एक से बदलने के कारण पूरा संसार नहीं बदलेगा लेकिन दोस्तों याद रखिए की बूंद बूंद से ही सागर भरता है अगर हम अपनी जिम्मेदारी किसी और पर डालने की बजाय ईमानदारी से काम करें हम अकेले ही यह समाज में बदलाव ला सकते हैं
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